Sunday, July 8, 2012

वक़्त और मुहब्बत .....


वक़्त मुहब्बत को
अक्सर
ठहर कर देखता है
पर कभी-कभी
साथ चल कर भी
देख लेता है .......


                 इमरोज़ .....(अनु: हरकीरत हीर )

1 comment:

  1. और वो वक़्त.. वक़्त नहीं होता... जो मोहब्बत के लिए लौट कर नहीं आता.....

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