Tuesday, October 30, 2012

 पूरा....

कल मैंने हवा से पूछा -
मैं भी तुझ सा
आज़ाद और अदृश्य होना  चाहता हूँ
कहने लगी ...
खामोश मुहब्बत कर ले
किसके साथ ...?
जो तुम्हें अच्छी लगे ....
खामोश मुहब्बत और अदृश्य
अपने आप से ..
कई बार उदास रहने लगा
आज हवा से मिलकर पूछा ...
तुम  कभी उदास हुई हो ..?
''पूरा आज़ाद कभी उदास नहीं होता ''
यह सुन ...
यह भी समझ  आ गया कि
पूरा कभी निराश भी नहीं होता ......

---इमरोज़
अनु. हरकीरत हीर

2 comments:

  1. ''पूरा आज़ाद कभी उदास नहीं होता ''
    यह सुन ...
    यह भी समझ आ गया कि
    पूरा कभी निराश भी नहीं होता ......



    कितनी सच बातें..

    सुकून मिलता है पढ़कर

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  2. पूरा आज़ाद कभी उदास नही होता और पूरा कभी निराश नही होता । कैसे हो उसे कुछ कमी नही ।

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