अपने आप की हीरे ….
कोई बुरी सोच आई होगी
जो सपना बनकर खत्म हो गई
तुम भी अच्छी भली और मैं भी अच्छा भला
एक हीर वारिश ने लिखकर जी ली
एक हीर हरकीरत लिखकर जी रही है
हीर होकर भी हरकीरत क्यों उदास है ?
उदासी की वजह देख कर
मैसेज भी किया सकता है स्पीड पोस्ट भी
बहुत हुआ तो किसी खाली कश्ती में
नज़्म लिखकर बहा दिया कर …
पर उदासी को ठहरने न दिया कर
जो मैं लिख रहा हूँ
तू इससेकहीं ज्यादा सयानी भी है
और प्यारी भी ….
मैंने भगवान को कभी नाराज़ नहीं किया
खुश करने की जरुरत भी नहीं पड़ी
पर तुझे खुश करने की जरुरत है
बता तू किस तरह खुश हो सकती है ?
खुश हो जाना
और बिल मुझे भेज देना….
इमरोज़ -
अनुवाद - हीर
(2)पूजा ….
इक दिन
भगवान को पूछा
टूटे बाजारी फूलों से
किसी की पूजा हो सकती है ?
भगवान ने हँस कर कहा
तूने देखा होगा
मंदिरों में घरों में
जहाँ कहीं भी टूटे फूलों से
पूजा होती है या हो रही है
वहाँ मैं पत्थर हो जाता हूँ
न सुनता हूँ न बोलता हूँ न देखता हूँ
पर जो खुद फूल बनकर
मेरी पूजा करता है
वहाँ मैं बुत नहीं बनता
उसे देख -देख
मैं भी फूल हो जाता हूँ
प्यार हो जाता हूँ …।
इमरोज़ -
अनुवाद - हीर
(४)
फूल ….
मैं फूल देख - देख
फूल होता रहता हूँ
पूजा के रूप में
भगवान होने के लिए …
(5)
रब्ब …
रब्ब पाठ नहीं बनता
अरदास भी नहीं बनता
सिर्फ आने वाला ख्याल बनता है ….
(6)
भगवान ….
भगवान को मैंने
कभी नाराज़ नहीं किया
खुश करने की जरुरत भी नहीं हुई ….
(7)
पूरा अच्छा …
पूरा अच्छा लेखक
किसी अच्छे लेखक को
कभी बुरा नहीं कहता …
(8)
शर्म ….
आदमी रेप करता है
हमें शर्म आ जाती है
सिकंदर
मुल्कों के मुल्क
रेप करता रहा
इमरोज़ -
अनुवाद - हीर
कोई बुरी सोच आई होगी
जो सपना बनकर खत्म हो गई
तुम भी अच्छी भली और मैं भी अच्छा भला
एक हीर वारिश ने लिखकर जी ली
एक हीर हरकीरत लिखकर जी रही है
हीर होकर भी हरकीरत क्यों उदास है ?
उदासी की वजह देख कर
मैसेज भी किया सकता है स्पीड पोस्ट भी
बहुत हुआ तो किसी खाली कश्ती में
नज़्म लिखकर बहा दिया कर …
पर उदासी को ठहरने न दिया कर
जो मैं लिख रहा हूँ
तू इससेकहीं ज्यादा सयानी भी है
और प्यारी भी ….
मैंने भगवान को कभी नाराज़ नहीं किया
खुश करने की जरुरत भी नहीं पड़ी
पर तुझे खुश करने की जरुरत है
बता तू किस तरह खुश हो सकती है ?
खुश हो जाना
और बिल मुझे भेज देना….
इमरोज़ -
अनुवाद - हीर
(2)पूजा ….
इक दिन
भगवान को पूछा
टूटे बाजारी फूलों से
किसी की पूजा हो सकती है ?
भगवान ने हँस कर कहा
तूने देखा होगा
मंदिरों में घरों में
जहाँ कहीं भी टूटे फूलों से
पूजा होती है या हो रही है
वहाँ मैं पत्थर हो जाता हूँ
न सुनता हूँ न बोलता हूँ न देखता हूँ
पर जो खुद फूल बनकर
मेरी पूजा करता है
वहाँ मैं बुत नहीं बनता
उसे देख -देख
मैं भी फूल हो जाता हूँ
प्यार हो जाता हूँ …।
इमरोज़ -
अनुवाद - हीर
(४)
फूल ….
मैं फूल देख - देख
फूल होता रहता हूँ
पूजा के रूप में
भगवान होने के लिए …
(5)
रब्ब …
रब्ब पाठ नहीं बनता
अरदास भी नहीं बनता
सिर्फ आने वाला ख्याल बनता है ….
(6)
भगवान ….
भगवान को मैंने
कभी नाराज़ नहीं किया
खुश करने की जरुरत भी नहीं हुई ….
(7)
पूरा अच्छा …
पूरा अच्छा लेखक
किसी अच्छे लेखक को
कभी बुरा नहीं कहता …
(8)
शर्म ….
आदमी रेप करता है
हमें शर्म आ जाती है
सिकंदर
मुल्कों के मुल्क
रेप करता रहा
उसे ग्रेट कहने वालों को
आज तक शर्म नहीं आई ….
(9)
(9)
जरुरत …
रांझे तख़्त हजारे के जन्म पल
जिन्हें औरत हीर दिखती है
ज़िन्दगी की खूबसूरती
बाकी के मर्द
हैरम की पैदावार
जिन्हें औरत जिस्म दिखती है
सिर्फ जिस्म की जरुरत ….
(10)
(10)
नया पानी ….
दरिया हर रोज़
नए पानी संग दरिया होता है
मज़हब भी एक दरिया था
नया पानी न मिलने के कारण
खड़ा पानी बनकर रह गया ….
(11)
(11)
ख्याल …
उसका ख्याल आया
बिजली सी चमकी
जंगल में भी राह दिख गया
मुझे भी और डर को भी ….
(12)
(12)
अपना मज़हब ….
मज़हब अब मज़हब नहीं रहा
ताकत बन गया है, सियासत बन गया है
अब वक़्त आ गया है
खुद
अपना मज़हब बनने का ….
इमरोज़ -
अनुवाद - हीर
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